मॉनसून में बीमारियाँ क्यों बढ़ जाती हैं?
मॉनसून में होने वाली बीमारियाँ – लक्षण और इलाज: मॉनसून के दौरान वातावरण में बढ़ी हुई नमी, जलजमाव, और तापमान में गिरावट के कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से फैलते हैं। यही वजह है कि इस मौसम में लोग जल्दी बीमार पड़ जाते हैं।
इसके अलावा, पानी के स्रोत दूषित हो सकते हैं, और मच्छरों की संख्या भी बहुत बढ़ जाती है। इन सभी कारणों से मॉनसून में होने वाली बीमारियाँ हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं।

1. मॉनसून में वायरल फीवर: लक्षण और घरेलू इलाज
लक्षण:
बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, गले में खराश, थकावट और भूख न लगना।
कारण:
वायरल संक्रमण आमतौर पर हवा या संक्रमित व्यक्ति से फैलता है।
घरेलू उपाय:
तुलसी और अदरक का काढ़ा दिन में दो बार लें
गर्म पानी पीएं
गुनगुने पानी से गरारे करें
बचाव के तरीके:
भीगने से बचें
कपड़े सूखे पहनें
शरीर को गर्म रखें
2. मॉनसून में डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय
लक्षण:
तेज बुखार, सिर और आंखों के पीछे दर्द, प्लेटलेट्स की कमी और शरीर पर चकत्ते।
कारण:
एडीज मच्छर के काटने से जो साफ पानी में पनपता है।
घरेलू इलाज:
पपीते के पत्तों का रस
नारियल पानी और तरल आहार
गिलोय का काढ़ा
बचाव के उपाय:
मच्छरदानी और पूरी आस्तीन के कपड़े
टंकी और कंटेनर को ढककर रखें
मच्छर भगाने वाला स्प्रे इस्तेमाल करें
3. मलेरिया: मॉनसून में एक और खतरनाक बीमारी

लक्षण:
ठंड लगकर बुखार, सिर दर्द, पसीना और मांसपेशियों में दर्द।
कारण:
एनोफेलीज मादा मच्छर जो गंदे पानी में पनपती है।
बचाव के उपाय:
घर के आसपास पानी जमा न होने दें
मच्छरदानी का प्रयोग करें
मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं
घरेलू इलाज:
नीम की पत्तियों का काढ़ा
गिलोय और तुलसी के रस का सेवन
4. टाइफॉइड: मॉनसून में दूषित पानी से फैलने वाली बीमारी
लक्षण:
तेज बुखार, पेट दर्द, उल्टी, दस्त या कब्ज।
कारण:
दूषित पानी और भोजन के सेवन से।
बचाव:
पानी उबालकर पिएं
खुले खाने से परहेज करें
व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें
घरेलू इलाज:
सादा भोजन करें
अनार और बेल का शरबत
अदरक और शहद
5. मॉनसून में खांसी-जुकाम और गले की खराश
लक्षण:
गले में जलन, छींकें, नाक बहना, हल्का बुखार।
कारण:
तापमान में बदलाव और नमी।
घरेलू इलाज:
तुलसी वाली चाय
शहद-अदरक मिश्रण
भाप लें
बचाव:
ठंडी चीजों से परहेज
बारिश में भीगने से बचें
गीले कपड़े न पहनें
6. मॉनसून में स्किन इंफेक्शन: फंगल और बैक्टीरियल रोग
लक्षण:
खुजली, रैशेज़, फोड़े-फुंसी, स्किन रेडनेस।
कारण:
गंदगी, पसीना और नमी से बैक्टीरिया पनपते हैं।
घरेलू उपाय:
नीम के पत्तों से नहाना
एलोवेरा और हल्दी का लेप
नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाएं
7. हैजा और दस्त: बरसात में आम लेकिन खतरनाक
लक्षण:
पानी जैसा दस्त, कमजोरी, चक्कर आना।
कारण:
दूषित खाना या पानी।
बचाव के उपाय:
साफ पानी पिएं
हाथ धोने की आदत डालें
भोजन ढककर रखें
घरेलू इलाज:
ओआरएस का सेवन
अनार, केला और दही
नींबू-पानी और नमक-शक्कर का घोल
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मॉनसून में स्वस्थ रहने के 10 जरूरी सुझाव
हर दिन नहाएं और सूखे कपड़े पहनें
शरीर को गीला न रहने दें
हाथ-पैर साबुन से धोते रहें
मसालेदार और बाहर का खाना टालें
उबला या फिल्टर्ड पानी ही पिएं
मच्छरों से बचाव करें
फल और सब्जियाँ धोकर ही खाएं
घर में सफाई बनाए रखें
इम्यूनिटी बढ़ाने वाले आहार लें (गिलोय, तुलसी, आंवला)
मौसम के अनुसार कपड़े पहनें
निष्कर्ष
मॉनसून में होने वाली बीमारियाँ अगर समय पर पहचानी और रोकी जाएं, तो इनसे बचा जा सकता है। ऊपर बताए गए लक्षण, कारण और घरेलू उपाय अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें – साफ-सफाई, अच्छा खानपान और सतर्कता ही इस मौसम में सबसे बड़ी दवा है।