बुखार कम करने के घरेलु नुस्खे: बच्चों और बड़ों के लिए

परिचय

बुखार कम करने के घरेलु नुस्खे: बच्चों और बड़ों के लिए: बुखार (Fever) शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, जो यह संकेत देता है कि शरीर किसी संक्रमण या बीमारी से लड़ रहा है। सामान्य रूप से शरीर का तापमान 98.6°F (37°C) होता है, लेकिन जब यह 100.4°F (38°C) से ऊपर चला जाता है तो इसे बुखार कहा जाता है।

ye अपने आप भी ठीक हो सकता है, लेकिन अगर लंबे समय तक बना रहे तो यह परेशानी का कारण बन सकता है। ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खे अपनाने से बुखार को कम करने में मदद मिलती है।

बुखार कम करने के घरेलु नुस्खे: बच्चों और बड़ों के लिए
बच्चों और बड़ों के लिए

Fever क्या है? (What is Fever?)

आयुर्वेद के अनुसार, बच्चे बार-बार, कुछ ना कुछ खाते रहते हैं। ऐसे में एक साथ ठण्डा-गरम खाने, या संक्रमित वातावरण में रहने से जठराग्नि मंद पड़ जाती है। आहार रस ठीक प्रकार से नहीं बन पाता। कई बार बच्चों का पेट साफ ना होने की समस्या भी देखी जाती है, और इस कारण भी बच्चों को बुखार आ जाता है। इसके अलावा सर्दी के मौसम में भी बुखार और सर्दी-खांसी हो जाती है।

बच्चों को बुखार आने के लक्षण (Children Fever Symptoms)

बच्चों को बुखार आने पर ये लक्षण दिखाई पड़ते हैंः-

  • बच्चे के शरीर में दर्द रहता है।
  • खांसी और जुकाम होना।
  • बार-बार छीकें आना, और लगातार नाक से पानी बहना।
  • अधिक ठण्ड लगना।
  • सिर दर्द होना।
  • जी मिचलाना और उल्टी होना।
  • बच्चे का सुस्त एवं कमजोर पड़ जाना
  • बच्चों में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
  • लगातार रोते रहना।
  • आंखों में जलन होना।
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • शरीर का तापमान 100-103 डिग्री तक रहना।
  • खांसते-खांसते उल्टी होना।

1. फीवर के सामान्य कारण

  • वायरल संक्रमण (जुकाम, फ्लू, डेंगू आदि)
  • बैक्टीरियल संक्रमण
  • मौसमी बदलाव (गर्मी से सर्दी या बारिश का मौसम)
  • शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होना
  • थकान और डिहाइड्रेशन

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फीवर (Fever) कम करने के घरेलु टिप्स

बुखार हमारे शरीर का एक संकेत है कि भीतर कोई संक्रमण या असंतुलन हो रहा है। यह अपने आप में कोई रोग नहीं है, बल्कि रोग से लड़ने की शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है। हल्के बुखार को दवा लेने की बजाय घरेलू नुस्खों से नियंत्रित किया जा सकता है। नीचे कुछ ऐसे कारगर घरेलू उपाय दिए गए हैं:

1. तुलसी की पत्तियाँ

तुलसी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होती है।

  • 8–10 तुलसी की पत्तियाँ पानी में डालकर उबाल लें।
  • इसमें थोड़ा अदरक भी डाल सकते हैं।
  • दिन में 2–3 बार यह काढ़ा पिएं।

2. अदरक की चाय

अदरक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और पसीना लाकर बुखार कम करता है।

  • अदरक का छोटा टुकड़ा पानी में डालकर उबालें।
  • इसमें शहद मिलाकर पिएं।

3. गिलोय का रस

गिलोय को आयुर्वेद में अमृत कहा गया है। यह बुखार और इंफेक्शन दोनों को नियंत्रित करता है।

  • गिलोय का ताजा डंठल पीसकर उसका रस निकाल लें।
  • आधा कप रस सुबह और शाम लें।

4. ठंडी पट्टियाँ

उच्च बुखार की स्थिति में ठंडी पट्टियाँ शरीर का तापमान कम करती हैं।

  • एक कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर माथे पर रखें।
  • हर 5–10 मिनट बाद बदलते रहें।

5. हल्दी वाला दूध

हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

  • एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर उबालें।
  • रात को सोने से पहले पिएं।

6. पर्याप्त पानी पिएं

बुखार के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है।

  • ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें।
  • नारियल पानी, सूप और हर्बल चाय फायदेमंद होते हैं।

सावधानियाँ

  • अगर बुखार 102°F से ज्यादा हो जाए या 3 दिन से अधिक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बच्चों और बुजुर्गों में बुखार को हल्के में न लें।
  • घरेलू उपाय केवल हल्के बुखार के लिए हैं, गंभीर स्थिति में दवा जरूरी है।

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3. बच्चों में फीवर घटाने के नुस्खे

बच्चों का शरीर संवेदनशील होता है, इसलिए बुखार में उन्हें तुरंत राहत देना ज़रूरी है।

  • गुनगुनी पट्टी बच्चे के सिर और पैरों पर रखें।
  • उन्हें हल्का गुनगुना पानी पिलाते रहें।
  • स्तनपान कराने वाली माताएँ बच्चे को बार-बार दूध पिलाएँ।
  • बच्चों को ओवरक्लोदिंग न करें।

4. शिशुओं में फीवर घटाने के टिप्स

शिशुओं (Infants) में बुखार ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।

  • शिशु को हल्के और आरामदायक कपड़े पहनाएँ।
  • गुनगुने पानी से हल्की मालिश करें।
  • स्तनपान जारी रखें, ताकि शिशु को पर्याप्त पोषण मिले।
  • अगर शिशु का तापमान 100.4°F से अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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5. वयस्कों के लिए फीवर घटाने के नुस्खे

  • हर्बल चाय: तुलसी, दालचीनी और अदरक की चाय फायदेमंद है।
  • हाइड्रेशन: बार-बार पानी, सूप और नारियल पानी पिएं।
  • सरसों का तेल और अजवाइन की मालिश: यह शरीर को आराम देती है और तापमान नियंत्रित करती है।

6.फीवर से तुरंत राहत पाने के टिप्स

कभी-कभी लोगों को तुरंत आराम चाहिए होता है। इसके लिए:

  • गीले तौलिए से शरीर पोंछें।
  • हल्का और तरल आहार लें (खिचड़ी, सूप, दाल का पानी)।
  • नींबू पानी में शहद डालकर पिएं।

7. कब डॉक्टर से संपर्क करें

घरेलु टिप्स मददगार होते हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है:

  • बुखार 102°F से अधिक हो और लगातार बना रहे।
  • बच्चों या शिशुओं का बुखार 1–2 दिन से ज़्यादा रहे।
  • बार-बार उल्टी, दस्त या शरीर पर लाल चकत्ते दिखें।
  • कमजोरी या सांस लेने में तकलीफ हो।

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निष्कर्ष:

फीवर शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो संकेत देती है कि शरीर संक्रमण से लड़ रहा है। घरेलू नुस्खों जैसे तुलसी-अदरक की चाय, गुनगुना पानी, ठंडी पट्टी और आराम से बुखार कम करने में मदद मिलती है। लेकिन अगर बुखार लंबे समय तक बना रहे या गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मुझे अक्सर बुखार जैसा महसूस होता है, लेकिन बुखार होता नहीं। ऐसा क्यों है?

  • खैर, बुखार के बिना भी आपको गर्मी क्यों लगती है, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।इसमें शामिल हैं – जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक, हार्मोन, आयु, रक्तचाप, दूसरों के बीच में। कई मामलों में, नियमित रूप से बुखार महसूस करना किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।

क्या तनाव के कारण आपको बुखार जैसा महसूस हो सकता है?

  • भावनात्मक मुद्दों और दीर्घकालिक घटनाओं के संपर्क में आना चिंता और तनाव से साइकोजेनिक बुखार हो सकता है। इस तरह के बुखार वायरल या बैक्टीरियल नहीं होते बल्कि आपके शरीर की उस घटना के प्रति प्रतिक्रिया के कारण होते हैं।

मुझे मासिक धर्म के दौरान बुखार जैसा महसूस होता है? क्या यह सामान्य है?

  • प्रोस्टाग्लैंडीन (रासायनिक यौगिक) आंतों में संकुचन पैदा कर सकते हैं, दस्त, उल्टी, मतली, दर्द और थकावट। चूंकि प्रोस्टाग्लैंडीन आपके शरीर के तापमान को प्रभावित करने की सबसे अधिक संभावना रखते हैं, इसलिए आपको अपने पीरियड्स के दौरान बुखार जैसा महसूस हो सकता है।

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