Know these 10 easy remedies for stomach problems during monsoon:
परिचय- मानसून का मौसम अपने साथ सुकून और ताजगी जरूर लाता है, लेकिन इसी के साथ यह हमारी सेहत खासकर पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर डाल सकता है। अधिकतर लोग इस मौसम में गैस, एसिडिटी, अपच और फूड पॉइज़निंग जैसी समस्याओं से जूझते हैं। इसका मुख्य कारण है नमी, बैक्टीरिया की वृद्धि और खानपान में लापरवाही। अगर सही समय पर सावधानी बरती जाए, तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे 10 ऐसे घरेलू और आसान उपाय, जिनसे आप अपने पेट को मानसून में भी स्वस्थ रख सकते हैं।

मानसून में पेट की समस्या क्यों होती है
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नमी के कारण बैक्टीरिया और फंगस तेजी से बढ़ते हैं
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भोजन जल्दी खराब हो जाता है
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पानी की गुणवत्ता घट जाती है
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पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है
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तला-भुना और बाहर का खाना ज्यादा खाया जाता है
मानसून में आम पेट की समस्याएं
- गैस – पेट फूलना, डकारें आना, भारीपन
एसिडिटी – सीने में जलन, खट्टी डकारें, मुंह का स्वाद खराब होना
फूड पॉइज़निंग – उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बुखार
अपच – पेट में भारीपन, भूख न लगना
डायरिया – बार-बार पतले दस्त होना
Know these 10 easy remedies for stomach problems during monsoon-

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उबला या फिल्टर्ड पानी ही पिएं
मानसून में पानी के माध्यम से संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। हमेशा RO या उबला हुआ पानी पिएं और बाहर का पानी पीने से बचें। -
तुलसी और अदरक का काढ़ा लें
तुलसी और अदरक में रोग प्रतिरोधक तत्व होते हैं। यह न सिर्फ सर्दी-जुकाम से बचाते हैं, बल्कि पेट की सूजन और गैस में भी राहत देते हैं। -
छाछ में भुना जीरा और काला नमक मिलाकर पिएं
छाछ पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है। इसमें भुना हुआ जीरा और काला नमक मिलाकर पीने से एसिडिटी और गैस से राहत मिलती है। -
ताजे और हल्के भोजन का सेवन करें
बासी, तला-भुना और भारी खाना न खाएं। खिचड़ी, दाल, उबली सब्जियाँ जैसे हल्के और सुपाच्य भोजन बेहतर विकल्प हैं। -
खुले में मिलने वाले स्ट्रीट फूड से बचें
बारिश के मौसम में गोलगप्पे, समोसे, पकोड़े और चाट जैसी चीजों में बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं। इनसे फूड पॉइज़निंग का खतरा रहता है। -
खाने के बाद सौंफ और मिश्री लें
यह पाचन को बेहतर बनाती है और गैस व एसिडिटी में तुरंत राहत देती है। यह मुंह का स्वाद भी ठीक रखती है। -
सुबह खाली पेट नींबू और शहद का गुनगुना पानी लें
यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन क्रिया को संतुलित करता है। इससे दिनभर पेट हल्का और साफ रहता है। -
पुदीना और आंवला का सेवन करें
पुदीना पेट को ठंडक देता है और आंवला पाचन शक्ति को बढ़ाता है। इनका जूस या गोली दोनों उपयोगी हैं। -
चाय और कॉफी का सीमित सेवन करें
बार-बार चाय या कॉफी पीना एसिडिटी को बढ़ा सकता है। खासकर खाली पेट इनसे परहेज़ करें। -
योग और वज्रासन का अभ्यास करें
खाना खाने के बाद वज्रासन और सुबह पवनमुक्तासन जैसे योगासन पाचन में मदद करते हैं और गैस से छुटकारा दिलाते हैं।
किन चीजों से बचना चाहिए
- बासी खाना
ज्यादा तला-भुना भोजन
कटे-फटे खुले फल
फ्लेवर्ड सोडा और ठंडी बोटल ड्रिंक्स
बिना ढका या अधपका खाना
मानसून के लिए एक सिंपल डाइट प्लान

- सुबह – नींबू-शहद वाला गुनगुना पानी, ओट्स या पोहा
दोपहर – दाल-चावल, उबली सब्जियाँ, छाछ
शाम – हर्बल टी, मखाने या भुना चना
रात – मूंग दाल की खिचड़ी या दलिया
कब डॉक्टर से संपर्क करें
- अगर दस्त या उल्टी दो दिन से अधिक समय तक चलें
अगर तेज़ पेट दर्द, बुखार और कमजोरी हो
अगर डिहाइड्रेशन महसूस हो (कम पेशाब, मुंह सूखना)
अगर घरेलू उपायों से राहत न मिले
निष्कर्ष
मानसून का मौसम सुहावना जरूर होता है, लेकिन यह हमारे पेट के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। सही खानपान, शुद्ध पानी, साफ-सफाई और कुछ सरल घरेलू उपाय अपनाकर आप गैस, एसिडिटी और फूड पॉइज़निंग जैसी समस्याओं से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर लक्षण गंभीर हों तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
Call to Action:
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